तलवार और पिस्टल दिखाकर काउंटर लूटे 1.35 लाख रुपये

नई दिल्लीकेमिस्ट शॉप में सुबह करीब 5:20 बजे तीन बदमाशों ने धावा बोल दिया। दो के हाथ में पिस्टल और एक के हाथ में तलवार थी। तीनों ने दुकान में मौजूद दो कर्मचारियों को गन पॉइंट पर ले लिया। इसके बाद काउंटर से एक लाख 35 हजार रुपये उड़ा लिए। काउंटर के ऊपर रखे कर्मचारी का मोबाइल फोन भी बदमाशों ने उठा लिया। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों बदमाश सड़क पर खड़ी कार में सवार होकर फरार हो गए। पुलिस ने लूट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बदमाशों की पहचान के लिए आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। इनमें कुछ सुराग मिलने का दावा किया जा रहा है। प्रकाश कुमार (49) कूचा लाल मन दरियागंज में परिवार के साथ रहते हैं। वह पिछले 18 साल से लोक नायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल के सामने स्थित सुपर सेल नेटवर्क नाम के केमिस्ट शॉप में जॉब करते हैं। यह शॉप पंजाबी बाग में रहने वाले अमृत भूषण चावला की है। प्रकाश के मुताबिक, सोमवार सुबह करीब 5:20 बजे वह काउंटर पर बैठे थे। उनका साथी कर्मचारी राशिद दुकान के पिछले हिस्से में सो रहा था। इसी दौरान अचानक तीन लड़के दुकान के भीतर घुस गए। दो के हाथ में पिस्टल थी, जबकि एक बदमाश हाथ में तलवार लिए हुए था। एक बदमाश प्रकाश को गन पॉइंट पर दुकान के पिछले हिस्से में ले गया। दोनों बदमाश भी उसके पीछे-पीछे आ गए। वहां ले जाकर एक बदमाश ने प्रकाश को गन पॉइंट पर, जबकि राशिद को तलवार के बल पर बिठा दिया। तीसरे बदमाश ने काउंटर से करीब एक लाख 35 हजार रुपये निकाल लिए। यह रकम शनिवार और रविवार की सेल के थे। एक बदमाश ने काउंटर पर रखा प्रकाश का मोबाइल फोन भी उठा लिया। इसके बाद तीनों सड़क पर खड़ी कार में फरार हो गए। पुलिस को कॉल की गई, जिसने छानबीन के बाद आईपीसी की धारा 394 और 397 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। नींद में थे कर्मचारी, लुटेरों की पहचान में विफल सुबह अंधेरे में बदमाश जब कैमिस्ट शॉप के भीतर वारदात करने आए तो एक कर्मचारी भीतर सो रहा था, जबकि दूसरा काउंटर पर ऊंघ रहा था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रात भर काम करने की वजह से दोनों नींद की खुमारी में थे। इसलिए वो तीनों लुटेरों के बारे में सटीक जानकारी नहीं दे पाए। कार का नंबर और उसके रंग के बारे में दोनों बेखबर हैं। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली है, लेकिन सड़क पर कारों की आवाजाही काफी दिखी है। इस वजह से वारदात में इस्तेमाल कार की पहचान नहीं हो पा रही है। इसलिए पुलिस अब टेक्निकल सर्विलांस से और मुखबिरों का जाल फैलाकर बदमाशों की खोज कर रही है। फिलहाल इस मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं।


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